V.S Awasthi

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वतन के रखवाले




प्रतियोगिता हेतु रचना
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वतन के रखवाले
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वतन के हम रखवाले हैं
वतन पर ही मिट जायेंगे
जब जान हमारी जायेगी
 वतन के गीत ही गायेंगे

ये वतन हमारा प्यारा है
धरती पर सबसे न्यारा है
वतन की रक्षा के खातिर
हम अपने प्राण गवांयेंगे

वतन हमें आजाद मिला
आजाद इसे रख जायेंगे
अन्तिम सांसों तक अपनी
हम इसकी शान बढ़ायेंगे

हम इस वतन के माली हैं
उपवन हम इसे बनायेंगे
आजादी के सुमन खिला
वतन को हम महकायेंगे

आजादी के लिए यहां पर
कितने वीर शहीद हो गए
उनकी वीर शहादत को
हम कभी भुला ना पायेंगे

जिन जननी के लाल शहीद हुए
उनको शत् बार नमन वन्दन
उनके पावन चरणों की रज को
है पथिक बनाता है चन्दन

अब वर्ष पचहत्तर हो गये 
जब हुए थे हम आजाद
आजादी के इस पुष्प को
रखना है हमें आबाद

कोई दुश्मन फिर से यहां पर
आंख उठा देख ना पाये
आंखों को उसकी फोड़ ही देंगे
चाहे जान चली ही जाये

भारत विश्व तिरंगा प्यारा
भारत पर लहरायेगा
जिसने इस पर घात लगाई
वो सदा को मिट जायेगा

ये है वीरों की जन्मभूमि
बच्चा-बच्चा बलिदानी है
नव भारत लिख रहा है अब
अपनी ही नई कहानी है

अभी चांद पर पहुंचे हैं
सूरज की अब बारी है
भारत के वैज्ञानिकों ने
करली सारी तैयारी है

एक दिवस जब आयेगा
हम विश्व गुरु बन जाएंगे
विश्व धरा पर हम अपना
झंडा प्यारा फहराएंगे

स्वरचित:- विद्या शंकर अवस्थी पथिके




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3 Comments

सुन्दर सृजन

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Punam verma

03-Sep-2023 09:14 AM

Very nice

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Abhinav ji

03-Sep-2023 08:31 AM

Very nice

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